My 20 Minutes Scripts
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भीड़ को चीरते हुए बस फुल स्पीड में दिन में जा रही थी। चींख के साथ बस का दरवाजा टूटता है। खून से लथपथ काव्या दरवाजे के साथ रोड के बीचो-बीच गिरती है। चारों ओर लोग जमा होकर फ़ोन में वीडियो बनाने लगते हैं। अजय भीड़ को चीरता हुआ आता है। काव्या को देखकर हाथ से सारा सामान गिर जाता है। कांपते हाथों से काव्या का सर अपनी गोद में रखता है। थर्राती आवाज में कहने लगता है - |
अजय |
मुझे छोड़ मत जाना, मुझे छोड़ मत जाना, मुझे छोड़ मत जाना। |
डॉक्टर |
[ऑपरेशन थेटर से घबराता हुआ बाहर आता है-] सॉरी उसका रेप बहुत बुरी तरह से हुआ है। काव्या बच नहीं सकती। |
अजय |
गुस्से में डॉक्टर को गले से पकड़ कर 8-10 मुक्के उसकी कनपट्टी पर मार देता है। डॉक्टर सुन्न हो जाता है। दोनों हाथों से गले से पकड़ कर हवा में 90 डिग्री उछाल कर फैंकता है। धड़ाम से बेंचों पर गिरता है बेंच टूट कर चकनाचूर हो जाते हैं। छाती पर पैर रखकर कहता है – I love her |
डॉक्टर |
डरता हुआ कहता है- अ... अ... अ... अजय देवगन |
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दिन
में हॉस्पिटल की वैन से नर्सेज नीचे उतरती हैं। अश्मिता की नजर बाइक पर बैठे जेमी पर पड़ती है जो केवल उसे ही देखे जा रहा था। अश्मिता थोड़ी सोचती है.... फिर सीधे उसके पास चली जाती है। |
अश्मिता |
तुम रोज रोज यंहा क्यों आते हो ? |
जेमी |
उसका मुंह खुला का खुला रह जाता है। |
अश्मिता |
कुछ पूछ रही हूँ मैं तुमसे ? जबाब दो.... |
जेमी |
मुंह और खुला हो जाता है। |
अश्मिता |
ऐड़े
हो क्या ? कितना खोलोगे। |
जेमी |
मुंह और खुल जाता है। |
अश्मिता |
किसी दिन आना हॉस्पिटल में, कोरोना डिक्लेयर कर दूंगी । चली जाती है। |
जेमी |
तभी कहता है आई लव यु..... |
अश्मिता |
पीछे पलटती है मुस्कुरा कर कहती है- है क्या तुझमें ? ऊपर से लेकर नीचे तक कुछ है ही नहीं। तू तो इंजेक्शन का प्रेशर तक नहीं सेह सकता। |
जेमी |
चौंक जाता है। |
अश्मिता |
जिम-जुम्म जा फिर आना कभी हॉस्पिटल में।तीन सालों से रोज-रोज एक ही जगह खड़े रहने से कुछ नहीं होता। |
जेमी |
लेटा
हुआ रात को सोच रहा था। एक तो बेरोजगार, ऊपर से पेट्रोल भी किसी-किसी को पकड़ कर डलवाना
पड़ता है। डैडी तो जान से ही मार देंगे। फिर जिम की फीस और मेरी डेली डाइट का जुगाड़
कहाँ से करूं। तिजोरी लूटूं, अंण्डे बेचूं ,अखबार बेचूं या कंगन बेचूं । |
काव्या |
हॉस्पिटल में नीचे पड़ी नुकीली कांच को पुरे जोर से अपने पेट में घुसाती है। |
अजय |
कांच को अपनी मुट्ठी में पकड़ लेता है। एक दूसरे की आँखों में देखने लगते हैं। दोनों की आँखें भर आती हैं। क्या हुआ ? मुझसे कोई गलती हो गयी। |
काव्या |
कांच छोड़ो। हु आर यू ? |
अजय |
मुझे छोड़ मत जाना, मुझे छोड़ मत जाना। |
काव्या |
मुट्ठी में पकडे कांच से गिरते लहू को देखने लगती है। |
अजय |
मुझे छोड़ मत जाना, मुझे छोड़ मत जाना। |
काव्या |
कांच फेंक कर कस के सीने से रोती हुई लिपट जाती है। |
जिम मास्टर |
जिम मास्टर और 3-4 बॉडीबिल्डर की हंसी नहीं रुक रही थी जिम में जेमी की बाते सुनकर। यार बुरा मत मानना, प्यार तो होता है या फिर नहीं होता है। अगर तुझे सिंगल हड्डी में ही पसंद नहीं किया तो क्या गारंटी है बॉडी बनने के बाद वो तुझे ही प्यार करेगी। |
जेमी |
ऐसा मत बोलो भाई जी अगर ऐसा न हुआ, तब तो मैं मर जाऊंगा। उसने मुझे चैलेंज नहीं दिया है। बहुत प्यार से समझाया है। हो सकता है वो अभिषेक बच्चन की न सलमान खान की फैन हो। |
जिम मास्टर |
[ हँसते हुए ] पर भाई ऐश्वर्या तो अभिषेक बच्चन को ही मिली न। |
जेमी |
सुनते ही रो पड़ता है मुंह पर पसीना-पसीना आ जाता है। अपने रोने को उनसे छुपाने लगता है। |
जेमी |
ट्रेन के आगे खड़ा हो जाता है। सोचता है - प्यार जब था ही तो मुझमें चेंजिग क्यों चाही, मेरी जिंदगी में तो अश्मिता सिर्फ तू थी। अलविदा, शायद ही अब कभी मैं तुम्हारे रास्ते में आऊं। ट्रेन एक ही झटके में उसके शरीर के चिथड़े-चिथड़े उड़ा देती है। |
अजय |
हॉस्पिटल में अश्मिता को खिचड़ी खिला रहा था। |
काव्या |
मैं तुम्हारे लायक नहीं हूँ न। |
अजय |
जिंदगी में पहली बार तुमने मुझसे कल बात की, यह मेरे लिए ,मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा ख़ुशी का दिन था। |
काव्या |
आंसू बहने लगते हैं। |
अजय |
तुम मुझसे बात नहीं करती थी तब ऐसे लगता था जैसे अंदर कुछ घुटन सी हो रही है। कल तक होती थी। अगर कल तुम्हे कुछ हो जाता तब तो। .., शायद मैं मर ही जाता। |
काव्या |
इतना प्यार करते हो मुझसे ? |
अजय |
आंसुओ के साथ- शादी तो करो अभी, प्यार देखा ही कहा है तुमने। |
काव्या |
रो पड़ती है। |
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The End |
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